Tuesday, November 13, 2018

दैसो के सीईओ का राहुल को जवाब- रिलायंस डिफेंस को हमने खुद चुना था

दैसो कंपनी के सीईओ एरिक ट्रेपिए ने राफेल डील में घोटाला होने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। राहुल का आरोप है कि मोदी सरकार के कहने पर दैसो ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को भारत में अपना पार्टनर चुना है। इस पर दैसो के सीईओ ने कहा, ‘‘मैं झूठ नहीं बोलता। रिलायंस डिफेंस को हमने खुद चुना था। रिलायंस के अलावा हमारे 30 दूसरे पार्टनर भी हैं।’’

एरिक ट्रेपिए ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘राहुल गांधी के बयान से मुझे दुख हुआ। कांग्रेस के साथ हमारा लंबा अनुभव है। साल 1953 में दैसो की भारत के साथ पहली डील हुई थी, तब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे। हम उसी वक्त से भारत के साथ डील कर रहे हैं। लेकिन हम किसी पार्टी के लिए काम नहीं करते। हम सिर्फ भारतीय वायुसेना और भारत सरकार को उसके रणनीतिक महत्व का सामान सप्लाई करते हैं।’’

राहुल का आरोप था- ट्रेपिए ने झूठ बोला
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि राफेल सौदे के लिए दैसो और रिलायंस के ज्वाइंट वेंचर के बारे में ट्रेपिए ने झूठ बोला था। राहुल ने कहा था, ‘‘मोदी सरकार ने पक्षपात कर अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल डील दिलवाई। इसमें दैसो कंपनी की भी मिलीभगत थी। अनिल अंबानी की कंपनी घाटे में चल रही है, यह जानते हुए भी दैसो ने उसमें 284 करोड़ रुपए का निवेश किया है।’’इस पर ट्रेपिए का कहना है कि रकम रिलायंस में नहीं बल्कि दैसो-रिलायंस के ज्वाइंट वेंचर में लगाई जा रही है।

भारत को 9% सस्ते मिल रहे राफेल विमान : सीईओ
ट्रेपिए ने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना राफेल डील का इसलिए समर्थन कर रही है, क्योंकि उसे लड़ाकू विमानों की जरूरत है। अगर आप तुलना करेंगे तो पहले की डील के तहत 18 तैयार विमान सप्लाई करने की जितनी कीमत बैठती, अब 36 राफेल विमानों की भी उतनी ही लागत आ रही है। हम 18 की जगह 36 विमान दे रहे हैं तो कीमत दोगुनी होनी चाहिए, लेकिन दो सरकारों के बीच बातचीत के बाद कीमत तय हुई है। इसलिए मुझे भी कीमत 9% घटानी पड़ी है।’’

ट्रेपिए ने राफेल विवाद को राजनीतिक बताया
दैसो के सीईओ ने कहा "मुझे पता है कि वहां कुछ विवाद हैं और मैं जानता हूं कि यह एक तरह की राजनीतिक लड़ाई है। चुनावों के समय कई देशों में ऐसा होता है। मेरे लिए सच्चाई अहम है और हकीकत ये है कि यह एक साफ सुथरी डील है और इंडियन एयरफोर्स इससे खुश है।'

कांग्रेस ने इंटरव्यू पर सवाल उठाए

उधर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्रेपिए के इंटरव्यू को पीएम मोदी का पीआर स्टंट बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि झूठ बोलकर राफेल घोटाले को दबाया नहीं जा सकता।

बैठकों के बाद राफेल खरीदने पर फैसला हुआ था: केंद्र सरकार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने राफेल डील से जुड़े दस्तावेज सोमवार को याचिकाकर्ताओं को सौंप दिए। सरकार ने बताया कि राफेल विमान खरीदने का फैसला सालभर में 74 बैठकों के बाद किया गया। दस्तावेजों में कहा गया कि 126 राफेल खरीदने के लिए जनवरी 2012 में ही फ्रांस की दैसो एविएशन को चुन लिया गया था। लेकिन, दैसो और एचएएल के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाने से ये सौदा आगे नहीं बढ़ पाया। सरकार ने कहा कि एचएएल को राफेल बनाने के लिए दैसो से 2.7 गुना ज्यादा वक्त चाहिए था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने राफेल डील में कीमतों से जुड़े दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे।

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